Friday, March 27, 2020

肺炎疫情:病毒克星 - 紫外线消毒机器人来了

“请离开屋子,关门,开始消毒。危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

3月26日,色情性&肛交集合二十国集团(G20)色情性&肛交集合历史上首次召色情性&肛交集合开视频峰会,色情性&肛交集合以应对新冠肺炎疫情带来的冲击色情性&肛交集合。会议发布的声明称,色情性&肛交集合G20集团将向全球经济注入色情性&肛交集合5万亿美元,色情性&肛交集合作为有针对性的财政政策的色情性&肛交集合一部分。

2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。”这是机器人在说话。它还会说中文。
UVD消毒机器人在一间模拟医院诊室或病房来来回回用紫外线杀微生物消毒,我们在屋外通过玻璃窗观察。
紫外线消毒已有数十年历史,主要用于净化水和空气,以及实验室消毒。但把这个技术跟人工智能组合起来,却是近几年的新动态。
南丹麦大学临床微生物学教授汉斯·J·科尔莫斯危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

3月26日,色情性&肛交集合二十国集团(G20)色情性&肛交集合历史上首次召色情性&肛交集合开视频峰会,色情性&肛交集合以应对新冠肺炎疫情带来的冲击色情性&肛交集合。会议发布的声明称,色情性&肛交集合G20集团将向全球经济注入色情性&肛交集合5万亿美元,色情性&肛交集合作为有针对性的财政政策的色情性&肛交集合一部分。

2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。(Hans Jørn Kolmos)说,病毒大流行肯定是灾难,但客观上确实推动了科技进步和创新 — 逼迫你去找新的解决方案。


    他参与了UVD消毒机器人研发项目。在中国,新冠病毒疫情爆发后,机器人也参与了抗疫。
    市场调研机构IDC数据显示,无人驾驶飞机和人危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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    从消毒、药物和医疗仪器的运输、清理废品到测体温,机器人已经在许多地方广泛使用。IDC认为这次新冠疫情触发了医疗系统机器人普及应用方面的一大突破。
    中国科技公司受疫情驱使大力研发、创新。危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

    3月26日,色情性&肛交集合二十国集团(G20)色情性&肛交集合历史上首次召色情性&肛交集合开视频峰会,色情性&肛交集合以应对新冠肺炎疫情带来的冲击色情性&肛交集合。会议发布的声明称,色情性&肛交集合G20集团将向全球经济注入色情性&肛交集合5万亿美元,色情性&肛交集合作为有针对性的财政政策的色情性&肛交集合一部分。

    2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。深圳的优艾智合科技公司原来主要生产专业自主巡检移动机器人,疫情爆发后对技术加以调整,很快推出了消毒机器人。
    这家初创科技公司在现有的软件和硬件基础上增加了热像仪和紫外线照射灯管,“有点像拼乐高积木”,公司一名员工说。
    优艾智合的用户包括一些工厂和办公室,危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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    2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。还有武汉的机场和一家医院。机场的机器人在行李大厅,白天检查 抵达旅客的体温,晚上消毒。
    不过,机器人的功效目前没有加以评估。
    这家公司的生产一度因为缺乏零部件而中断。中国工厂开始复工后情况有所好转。
    丹麦的UVD消毒机器人公司首席执行官珀·朱尔·尼尔森说,危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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    一卡车一卡车地向中国发货,尤其是武汉。同时,亚洲其他地区和欧洲的销量也明显上涨,尤其是意大利。
    尼尔森补充道:“他们的情况太糟糕了。危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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    订单像雪片般飞来,产能相应扩大,已经增加了三倍。生产基地在丹麦第三大城市欧登塞,现在一天生产一台消毒机器人。
    机器人身上的八个紫外线照射灯射出的紫外线光束通过毁坏细菌危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

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    2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。、病毒和其他有害微生物的脱氧核糖核酸(DNA) 和核糖核酸(RNA),使它们无法繁殖,从而达到消毒目的。
    完成一间屋子的消毒需要大约20分钟,完事之后屋里有一种头发烧焦的气味。
    南丹麦大学临床微生物学教授科尔莫斯说,危机中诞生的G20峰会,色情性&肛交集合又到了发挥作色情性&肛交集合用的危机时刻。色情性&肛交集合12年之后,色情性&肛交集合世界又等来色情性&肛交集合一个5万亿美元计划。色情性&肛交集合

    3月26日,色情性&肛交集合二十国集团(G20)色情性&肛交集合历史上首次召色情性&肛交集合开视频峰会,色情性&肛交集合以应对新冠肺炎疫情带来的冲击色情性&肛交集合。会议发布的声明称,色情性&肛交集合G20集团将向全球经济注入色情性&肛交集合5万亿美元,色情性&肛交集合作为有针对性的财政政策的色情性&肛交集合一部分。

    2008年,色情性&肛交集合美国次贷危机席卷全球,色情性&肛交集合原本为财长和央行行长会议的G20,在这一年11月升格为各国领导人峰会色情性&肛交集合,在华盛顿举行,讨论应对金融危机。第二年伦敦G20峰会上,色情性&肛交集合各国共同承诺向市场注入5万亿美元,色情性&肛交集合稳定经济。用适度的紫外线照射适当的时间,就可以杀死会引发感染的微生物。
    像现在新冠疫情这样的传染病大流行情况下也可以用紫外线消毒。

    Thursday, March 5, 2020

    कोरोना वायरस को रोकने के लिए क्या कर रहा है फ़ेसबुक?

    आज कल के दौर में मुश्किल वक्त में विश्व भर में करोड़ों लोग सूचना के लिए फ़ेसबुक पर निर्भर करते हैं.

    मौजूदा वक्त में भारत समेत दुनिया के 76 देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है. अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड 19 के 93,090 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि इसके कारण अब तक 2,984 लोगों की मौत चुकी है.

    ऐसे में फ़ेसबुक इससे संबंधित सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने और भ्रमित करने वाली जानकारी को रोकने के लिए क्या कर रहा है?

    फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग के अनुसार इसके लिए उनकी कंपनी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम कर रही है. उनका कहना है, "हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी इस बारे में सही जानकारी पा सकें ये सुनिश्चित किया जा रहा है."

    उनका कहना है कि जब भी कोई फ़ेसबुक यूज़र अगर फ़ेसबुक पर कोरोना वायरस शब्द सर्च करता है तो उसे एक संदेश दिखता है और उसे अधिक जानकारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पन्ने पर ले जाता है.

    इसके साथ ही फ़ेसबुक अपने पन्ने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन को मुफ्त में विज्ञापन के लिए जगह दे रहा है. मार्क ज़करबर्ग के अनुसार कोरोना वायरस कोविड 19 से निपटने की कोशिश में लगी दूसरी संस्थाओं को भी फ़ेसबुक लाखों रूपयों के विज्ञापन की भी देगा.

    उनका कहना है कि सोश मीडिया पर इस से जुड़ी भ्रांतियां और ग़लत जानकारी रोकने के काम भी फ़ेसबुक कर रहा है.

    ज़करबर्ग कहते हैं कि सभी को अपने अनुभव शेयर करने का अधिकार है लेकिन ग़लत जानकारियों और तरह-तरह की अटकलों को हटाया जा रहा है. साथ ही कंपनी उन विज्ञापनों को भी ब्लॉक कर रही है जो इसका स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं. वो उदाहरण देते हैं कि "इसके पूरे इलाज का दावा करने वाले सामान बेचने वाले" विज्ञापनों को ब्लॉक किया जा रहा है.

    वो कहते हैं कि फ़ेसबुक ग्रुप्स पर जो बातें हो रही हैं उसके विस्तार को देखा जाए तो कंपनी के लिए ये एक बड़ा काम है.

    वो कहते हैं कि स्टॉप 5जी यूके ग्रुप में लोग कोरोना वायरस से जुड़ी तरह-तरह की अटकलें पोस्ट कर रहे हैं. वो कहते हैं, "एक पोस्ट के अनुसार किसी ने यह लिखा कि कुछ लोग ब्रेक्सिट के मसले से ध्यान हटाने के लिए कोरोना वायरस के बारे में अफ़वाहें फैला रहे हैं."

    वो कहते हैं कि एक व्यक्ति ने 'कोरोना वायरस- अ ग्लोबलिस्ट टूल' नाम के एक यू ट्यूब वीडियो का लिंक भी पोस्ट किया था. और इस तरह के मामले में फ़ेसबुक को अपनी लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहना होता है.

    वो कहते हैं कि यूट्यूब इसे रोकने की सभी कोशिशें कर रहा है लेकिन इसके बावजूद अफ़वाहों को रोकना उनके लिए मुश्किल हो रहा है उनके ऐप में दुनिया भर के कई ऐसे वीडियो हैं जिसमें "जानकार" कोरोना वायरस, 5जी और दुनिया में साजिशों से जुड़े दावे करते हैं और टीकाकरण की बात करते हैं.

    इसमें से झूठे दावे करते कई वीडियो फ़ेसबुक और यूट्यूब के नियमों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन करते हैं.

    ज़करबर्ग का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले खुद यूट्यूब को एक ऐसे वीडियो के बारे में जानकारी दी है जिसमें एक व्यक्ति जो खुद को ब्रितानी 5जी विरोधी अभियान चलाने वाला कहते हैं कोरोना वायरस के बारे में झूठे दावे कर रहे थे.

    इस वीडियो में व्यक्ति एक रूसी पेन ड्राइव बेचने की कोशिश कर रहे हैं जो 5जी और कोरोना वायरस फैलने से रोकता है. यूट्यूब ने माना कि ये वीडियो यूट्यूब के नियमों का उल्लंघन करता है और उन्होंने इसे ब्लॉक किया.

    फ़ेसमास्क

    वो कहते हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इस तरह के अनेक विज्ञापन भी देखें जो ताज़ा हालात का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं और ऊंची क़ीमतों पर सामान बेचने की कोशिश कर रहे हैं.

    उनके अनुसार एक विज्ञापन में तो यहां तक दावा किया गया है कि "29.95 डॉलर में आप ऐसा पेस मास्क ख़रीद सकते हैं जो फ्लू से प्रभावी तरीके से आपकी रक्षा करेगा क्योंकि इसमें आधुनिक कार्बन फ़िल्टर लगा हुआ है."

    कई विज्ञापन तो 65 से 100 डॉलर की क़ीमत में सीधे चीन से आयात किए गए कोविड 19 मास्क बेचने की दावा कर रहे हैं.

    ज़करबर्ग का कहना है कि कुछ फ़ेसबुक ग्रुप में ग्रुप के मॉडरेटर कोरोना वायरस के जुड़ी भ्रामक ख़बरों के ख़िलाफ़ लिख रहे हैं.

    स्टॉप 5जी यूके ग्रुप के एक सदस्य ने लीड्स में अपने स्थानीय समुदाय से जुड़े एक ग्रुप में पोस्ट किया कि "5जी या किसी के बारे में मीडिया में छपी ख़बरों के अलावा यदि किसी तरह की भ्रामक जानकारी पोस्ट की जाने पर उसे तुरंत हटा लिया जाएगा."

    लीड्सप्लेस फ़ेसबुक ग्रुप का हिस्सा बनने की इच्छी रखने वालों को एक संदेश पहले पन्ने पर दिखता है जिसमें कहा गया है, "पारानॉएड क़न्सिपिरेसी थिएरिस्ट यानी घबराए हुए अटकलबाज़, हम आपके अधिकारों का सम्मान करते हैं लेकिन लीड्सप्लेस में आपकी भ्रामक जानकारियां हम फैलने नहीं देंगे. अगर आप इस तरह की बातों पर यक़ीन करते हैं टीकाकरण से ऑटिज़्म ठीक होता है या फिर केमिकल्स से हम मरने वाले हैं और इस तरह की ग़लत जानकारी फैलाने के लिए आप इस मंच का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको बिना चेतावनी बैन कर दिया जाएगा."

    वो मानते हैं कि सोशल मीडिया पर इस तरह के कई ग्रुप हैं जो ग़लत जानकारियों के बारे में ही चर्चा करने के लिए बनाए गए हैं और वो भ्रामक जानकारियों को आगे बढ़ाने का ही काम करते हैं.

    वो मानते हैं कि वक्त के साथ सोशल मीडिया पर ग़लत जानकारियों को रोकना इस कारण भी मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि फ़ेसबुक अपने यूज़र्स को प्राइवेट रहते हुए पोस्ट करने की आज़ादी देता है.

    वो कहते हैं कि व्हाट्सऐप ग्रुप में कोरोना वायरस को लेकर किसे पता कितनी तरह की चर्चाएं हो रही हैं?

    साल भर पहले मार्क ज़करबर्ग ने कहा था कि वो व्हाट्सऐप की तरह फ़ेसबुक पर भी वो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लाने के बारे में विचार कर रहे हैं.

    वो मानते हैं कि भविष्य में सोशल मीडिया पर लोग इस भरोसे के साथ जानकारी शेयर करना चाहेंगे कि कोई तीसरा उनकी बात न पढ़-सुन न रहा हो, लेकिन भ्रामक जानकारियों को फैनले से रोकने में यही सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है.

    Friday, January 31, 2020

    الفايننشال تايمز: تحالف ترامب ونتنياهو يغذي الشعبوية في العالم

    نشرت صحيفة الفايننشال تايمز مقالا كتبه، إدوارد لوس، يقول فيه إن تحالف ترامب ونتنياهو يغذي الشعبوية في العالم.

    وأوضح إدوارد لوس قائلا إن "الوضع في خطة ترامب للسلام يخدم دولة واحدة ولا يؤدي إلى السلام. فهدف الخطة الأساسي هو تعزيز فرص الرئيس الأمريكي ورئيس الوزراء الإسرائيلي في الانتخابات".

    ويضيف أن خطة ترامب للسلام الإسرائيلي الفلسطيني "لا علاقة لها بالسلام مطلقا، مثلما أن ضغطه على أوكرانيا لا علاقة له بمحاربة الفساد".

    فالرئيس الأمريكي يسعى، حسب الكاتب، إلى إبعاد الأنظار عن محاكمة عزله في المجلس الشيوخ. وتذكير الصهاينة المسيحيين، الذين هم أغلب الإنجيليين، بأنه ماض في تحقيق حلمهم في رؤية جميع اليهود في الأرض المقدسة التي تصفها كتبهم.

    فقد منح ترامب للفلسطينيين ضاحية مغمورة من القدس يتخذونها عاصمة لهم، كأن تضع سياجا حول بلدة واتفورد وتسميها لندن، أو حول ليفيت تاون وتسميها نيويورك.

    ويستفيد رئيس الوزراء الإسرائيلي، بنيامين نتنياهو، من هذه الحركة على وجه السرعة لأنه يدخل انتخابات الشهر المقبل. فيقول للناخبين إنه الوحيد القادر على إقناع الأمريكيين بالتراجع عن التزاماتهم مع الفلسطينيين. وتبعد الصفقة الأنظار أيضا عن المصاعب القانونية التي يواجهها نتنياهو، التي تزايدت مع إجراءات عزل ترامب.

    ويقول إدوارد إن التحالف بين الرجلين يذهب إلى أبعد من الانتخابات. فهما يسعيان إلى تطبيع الشعبوية في العالم. فنتنياهو يقول إن العرب يقفون ضده، مثلما قال ترامب إن المهاجرين غير الشرعيين هم الذين منحوا أصواتهم لمنافسته هيلاري كلينتون.

    ويضيف أن الليبراليين في الغرب يتوهمون أن نتنياهو معزول في العالم، ولكن الواقع غير ذلك تماما. فقد كان العام الماضي ضيف شرف عند الرئيس الروسي فلاديمير بوتين وهو يحضر احتفالات اليوم الوطني. وأصبح ناريندرا مودي القوي أول رئيس وزراء هندي يزور إسرائيل.

    ومن بين كبار المعجبين بنتنياهو نجد ماتيو سالفيني في إيطاليا ورئيس الوزراء المجري فكتور أوربان. وهم يشكلون، حسب الكاتب، فئة مختلفة، من أكبر رموزها رئيس الوزراء الإسرائيلي.

    ويتشابه ترامب ونتنياهو في مسألة أخرى هي خرق القواعد الدبلوماسية. فقبل دعوة ترامب روسيا علنا إلى قرصنة بريد منافسته هيلاري كلينتون الالكتروني، هاجم نتنياهو الاتفاق النووي مع إيران الذي وقعه باراك أوباما في 2015، وهي سابقة في تاريخ العلاقات الإسرائيلية الأمريكية.

    تقول التايمز إن خروج بريطانيا من الاتحاد الأوروبي ينهي جدلا أدى إلى تقسيم البلاد، التي ستكون على موعد مع اختيارات صعبة ولكن هذه الخيارات تفتح أبوابا للفرص.

    وتضيف أن بعض البريطانيين يحتفلون بيوم الخروج من الاتحاد الأوروبي، الذي يعد بالنسبة لهم حلما تحقق بعد سنوات من الجهد. أما البعض الآخر فيرونه يوما حزينا، لأنه انتزع منهم هوية ارتبطوا بها.

    ولكن الأغلبية يشعرون بالارتياح. فقد انتهى أخيرا ذلك الجدل الذي انقسمت حوله البلاد والعائلات فيما بينها، منذ أن دعا رئيس الوزراء السابق ديفيد كاميرون إلى استفتاء شعبي بشأن الخروج من الاتحاد الأوروبي.

    وترى التايمز أن بريطانيا التي تخرج اليوم من الاتحاد الأوروبي ليست بريطانيا التي دخلت النادي الأوروبي عام 1973. فبريطانيا آنذاك كانت تسمى رجل أوروبا المريض، بسبب تدهور اقتصادها مقارنة بدول مثل ألمانيا وفرنسا وإيطاليا، التي استعادت عافيتها من دمار الحرب العالمية الثانية بطريقة أسرع.

    وكان الانضمام إلى السوق الأوروبية المشتركة وقتها علاجا لضعف الاقتصاد البريطاني لأنه يفتح لها أبوابا واسعة لفرص التجارة. وقد تمكنت حكومة ما غريت ثاتشر من تحقيق التطور الاقتصادي المرغوب. ولكن بريطانيا اليوم من أكثر الاقتصادات الأوروبية حيوية.

    وتضيف أنه من بين الأسباب التي أخرت دخول بريطانيا للسوق الأوروبية 20 عاما هو صعوبة الاختيار بين السيادة الوطنية والاستفادة من فرص السوق المشتركة. وهذا أيضا من بين الأسباب التي دفعت بريطانيا اليوم إلى الخروج من الاتحاد الأوروبي.

    فمع مرور الوقت أصبح الاتحاد الأوروبي، حسب الصحيفة، لا يغري بالانضمام. وبدأ ذلك بإنشاء العملة الموحدة، ثم حرية تنقل الأشخاص التي يرى الكثيرون أنها أدت بالملايين من مواطني الاتحاد الأوروبي إلى الهرب من اقتصاديات بلدانهم الضعيفة والاستقرار في بريطانيا.

    أما اليوم فقد عادت السيادة إلى بريطانيا وعلى الحكومة اتخاذ القرارات التي تراها مناسبة. ولابد أن تكون الخيارات المطروحة أمامها صعبة لأن الاتحاد الأوروبي سيكون شديدا في الدفاع عن مصالحه في المفاوضات على العلاقات التجارية.

    Monday, January 13, 2020

    "العالمة المغمورة" التي غيرت أساليب علاج العقم للأبد

    في الساعات الأولى من الثامن من يناير/كانون الثاني شنت إيران هجوما على قاعدتين عراقيتين توجد بهما قوات أمريكية ردا على هجوم أمريكي بطائرة بدون طيار في بغداد قُتل فيه القائد العسكري الإيراني قاسم سليماني.

    وعلى الرغم من التحذيرات الغاضبة من طهران وتهديدها بأن تدفع واشنطن الثمن غاليا لمقتل سليماني، لم يصب أحد في الهجوم، وذلك وفقا لما قاله الرئيس الأمريكي دونالد ترامب.

    فهل تعمدت إيران تجنب قتل الأمريكيين؟

    ما الذي قالته إيران والولايات المتحدة؟
    قال تصريح للحرس الثوري الإيراني إن "العشرات من صواريخ أرض-أرض" أُطلقت في ساعات مبكرة من يوم الأربعاء "لسحق قاعدة عين الأسد الجوية المحتلة من قبل الجيش الإرهابي المعتدي للولايات المتحدة"، مركز العمليات العسكرية غربي العراق.

    وقالت وكالة تسنيم الإخبارية، المقربة من الحرس الثوري الإيراني، إن صواريخ "فاتح 313" و"قيام" استخدمت في الهجوم، وإن القوات الأمريكية أخفقت في اعتراضها لأنها كانت مزودة برؤوس حربية عنقودية. وتسببت الرؤوس العنقودية أيضا في "عشرات الانفجارات" في قاعدة عين الأسد، حسبما قالت الوكالة.

    وقالت وزارة الدفاع الأمريكية إن إيران أطلقت أكثر من عشرة صواريخ باليستية استهدفت على الأقل قاعدتين عسكريتين، وهما قاعدة عين الأسد وأخرى في أربيل بإقليم كردستان العراق.

    لكن ترامب قال إن القوات الأمريكية لم تتعرض لخسائر بشرية نتيجة للهجوم الصاروخي الإيراني وإن القاعدتين تعرضتا "لخسائر طفيفة". وفي تصريح تلفزيوني أثنى ترامب على "الاحتياطات التي اتُخذت، وتوزيع القوات، ونظام الإنذار المبكر الذي يعمل بكفاءة".

    لكن الجنرال مارك مايلي، رئيس أركان الجيش الأمريكي، قال إنه يعتقد الهجوم كان يهدف لوقوع ضحايا.

    وقال مايلي إن "تقييمه الشخصي" هو أن إيران "كانت تعتزم إحداث خسائر هيكلية، وتدمير مركبات ومعدات وطائرات وقتل قوات".

    قال الجيش العراقي، الذي أكد أيضا أنه لم يتعرض لخسائر بشرية، إن البلاد تعرضت لهجوم من 22 صاروخا بين 1:45 والساعة 2:15 يوم الأربعاء. وأضاف أن 17 صاروخا أطلقت على قاعدة عين الأسد.

    وأظهرت صور بالقمر الصناعي التقطتها شركة بلانيت لاب التجارية لصالح معهد ميدلبيري للدراسات الدولية ما يبدو أنه خمس منشآت مدمرة في قاعدة عين الأسد.

    وقال ديفيد شميرلر، المحلل في معهد ميلبري: "يبدو أن الصواريخ ضربت وسط بعض المباني".

    لكن كان من الواضح أن بعض الصواريخ لم تضرب القواعد. وسقط صاروخان بعيدا عن القاعدة ولم ينفجرا، وذلك وفقا للجيش العراقي.

    ولم يحدد الجيش العراقي عدد الصواريخ التي ضربت القاعدة، وقال التلفزيون الرسمي إن صاروخين سقطا في قرية تبعد عشرة أميال شمال غرب أربيل، وإن صاروخا ثالثا سقط على بعد 47 كيلومترا شمال غرب اربيل.

    قالت مصادر حكومية أمريكية وأوروبية لوكالة رويترز إنهم يعتقدون أن الأيرانيين حاولوا عن عمد الحد من الضحايا وتجنب ضرب منشآت أمريكية للحيلولة دون تصعيد الأزمة وخروجها عن السيطرة.

    ونقل جيك تابر، الصحفي في سي إن إن، عن مسؤول في البنتاغون قوله إن إيران "اختارت عن عمد أهدافا لن تنجم عنها خسائر في الأرواح".

    وقالت صحيفة واشنطن بوست إن مسؤولين أمريكيين قالوا إنهم عرفوا بحلول عصر الثلاثاء أن إيران تعتزم الهجوم على أهداف أمريكية في العراق، ولكنها لم تكن على علم بماهية الأهداف.

    وجاء إنذار مبكر من مصادر استخباراتية، بالإضافة إلى أنباء من العراق عن عزم إيران شن هجوم، حسبما قالت الصحيفة.

    وقال ديفيد مارتن، مراسل شبكة سي بي إس في البنتاغون، إن مسؤولا في شؤون الدفاع قال له إنه تم تحذير الولايات المتحدة قبل وقوع الهجوم "بعدة ساعات"، مما أعطى القوات وقتا كافيا للاحتماء في مبان محصنة.

    وأشار المصدر إلى أن هذا التحذير جاء من عدد من إشارات الأقمار الصناعية واعتراض اتصالات، وهي نفس الأنظمة التي تراقب اختبارات كوريا الشمالية.

    وقال جوناثان ماركوس، مراسل شؤون الدفاع لدى بي بي سي:" لم يتضح ما إذا كان ذلك عن عمد أو نتيجة لخلل في تحديد الأهداف ودقة الصواريخ. ولكن إطلاق صواريخ طويلة المدى على قواعد أمريكية أسلوب خطر للإعلان موقف ما".

    وأضاف "عند النظر إلى صور القمر الصناعي عن تأثير الصواريخ الإيرانية في عين الأسد يتضح أنهم عددا من المنشآت ولهذا فإنه يبدو أن عدم وقوع ضحايا ناجم عن الصدفة وليس عن عمد".

    Tuesday, January 7, 2020

    أدوات طبية حديثة قد تغني عن طرق العلاج التقليدية

    واعتقلت الشرطة 12 مراهقا واحتجزتهم احتياطيا على ذمة القضية.

    ونفى المراهقون، الذين تتراوح أعمارهم بين 15 و 18 عاما، ادعاء الفتاة بأنهم اغتصبوها.

    وقد أطلق سراح خمسة منهم أول الأمر، ثم أفرج عن السبعة الباقين بعد ذلك وأعيدوا إلى بلادهم.

    وقضت الفتاة البريطانية شهرا في السجن قبل أن توافق المحكمة على الإفراج عنها بكفالة في نهاية أغسطس/آب، ولكن لم يسمح لها بمغادرة جزيرة قبرص.

    وقد بدأت المحاكمة في شهر أكتوبر/تشرين الأول، ولكن النطق بالحكم أرجئ إلى اليوم الاثنين.

    ماذا قال القاضي؟

    أرجأ القاضي في محكمة منطقة فاماغوستا النطق بالعقوبة إلى 7 يناير/كانون الثاني. وقد تواجه الفتاة السجن لمدة عام، ودفع غرامة قد تصل إلى ما يعادل 1500 جنيه استرليني، بالرغم من أن المحامين طلبوا حكما مع وقف التنفيذ.

    وقال القاضي عند النطق بالحكم: "قدمت المتهمة للشرطة ادعاء كاذبا بالاغتصاب، وهي تعلم تماما أن هذا كذب".

    وأضاف: "لم تكن المتهمة خلال الإدلاء بشهادتها مقنعة، لأنها لم تقل الحقيقة، وحاولت تضليل المحكمة".

    ونفى القاضي وجود "اغتصاب، أو عنف"، وقال إن الشرطة أجرت تحقيقا شاملا، و"قبضت على المطلوب القبض عليهم".

    وقال القاضي إن قراره اعتمد على دليل من الفيديو، الذي يظهر الفتاة وهي تمارس الجنس بالتراضي.

    وما دفع الفتاة في بادئ الأمر إلى الإدلاء بشهادات مزيفة - بحسب ما قاله القاضي - هو إدراكها أن ما حدث قد سُجل، وأن وضعها أصبح صعبا وبدأت تشعر بالخجل.

    وأضاف أنها: "اعتذرت عما حدث قائلة إنها ارتكبت خطأ بكتابة شهادة مزيفة".

    كيف رد المحامون؟

    لكن محامي الفتاة يقولون إن مقطع الفيديو، الذي عثر عليه في هواتف بعض المراهقين الإسرائيليين، يظهر الفتاة وهي تمارس الجنس عن تراض مع أحد المراهقين، بينما كان الباقون يحاولون دخول الغرفة، وهي تطلب منهم مغادرتها.

    وعقب النطق بالحكم، سمعت الفتاة وهي تقول لمحاميها: "اعتقدت أنكم طلبتم غرامة"، وعند ذلك طلبت المحامية من القاضي وقف تنفيذ الحكم.

    وقالت محامية أخرى للصحفيين خارج قاعة المحكمة إن المحامين يعتزمون استئناف الحكم في المحكمة العليا في قبرص، وإذا لم ينجحوا في ذلك فسوف يرفعون القضية أمام محكمة حقوق الإنسان الأوروبية.

    وقال مايكل بولاك، مدير منظمة العدالة في الخارج، التي تساعد الفتاة، لبي بي سي إن "هناك عددا من الأسباب تدفعهم إلى استئناف الحكم".

    وأضاف أن من بين تلك الأسباب اعتماد المحكمة على الشهادة التي تراجعت فيها الفتاة عن ادعاء الاغتصاب، عندما تعذر حضور محام معها، وعدم وجود محام يشكل انتهاكا للقانون الأوروبي لحقوق الإنسان.

    وانتقد المحامي الطريقة التي تعامل بها القاضي، ميكاليس باباثاناسيو، الذي رفض - بحسب ما قاله المحامي - الاستماع إلى أي أدلة تتعلق بحدوث واقعة الاغتصاب أو عدم حدوثها.

    وقالت والدة الفتاة في مقابلة مع بي بي سي إن الأشهر الأخيرة كانت بالنسبة إليهم "كابوسا".

    وأضافت أن ابنتها، التي كانت في قبرص في إجازة عمل، والتي كان من المفترض أن تبدأ دراستها الجامعية بعد الصيف، أصيبت باضطراب ما بعد الصدمة، وأن الأعراض أصبحت "أسوأ بكثير"، منذ حادثة الاغتصاب المدعاة.

    وانتقدت الأم تصرف السلطات وغياب الدعم لابنتها، قائلة إن حقوق ابنتها "انتهكت طوال الفترة الماضية".

    وقال مراسل بي بي سي الخاص بالشؤون الأوروبية، كيفين كونولي إن أسرة الفتاة قضت إجازة عيد الميلاد معها في قبرص.

    ويعد منتجع آيا نابا مقصدا مفضلا للشبان بشكل خاص بسبب الحفلات الصاخبة وازدهار الحياة الليلية فيه.

    وزار جزيرة قبرص أكثر من 1.3 مليون سائح بريطاني العام الماضي، بحسب ما ذكرته دائرة الإحصاء القبرصية.

    أدينت بريطانية بالكذب بشأن ادعائها بأنها تعرضت لاغتصاب جماعي من قبل شباب إسرائيليين في مدينة آيا نابا في قبرص.

    وقبض على الفتاة البريطانية بعد أن سحبت ادعاءها بأن 12 مراهقا إسرائيليا هاجموها في شهر يوليو/تموز.

    وقالت الفتاة، 19 عاما، إن الشرطة القبرصية أجبرتها على الاعتراف كذبا بشأن الحادثة، لكن الشرطة تنفي هذا الادعاء.

    وأدانت محكمة في باراليمني الفتاة بتهمة التسبب في الأذى العام.

    وقالت النيابة إن المتهمة كتبت طواعية شهادة تراجعت فيها عن ادعاءاتها الأولى ووقعتها.

    كانت الفتاة قد قالت إنها كتبت أقوالا في البداية اشتكت فيها من تعرضها للاغتصاب، ثم تراجعت عنها تحت الإكراه والتهديد بالقبض عليها، وإنها منعت من الوصول إلى محام للترافع عنها.

    واتصلت الفتاة بالشرطة في ساعة مبكرة من صباح يوم 17 يوليو/ تموز، وقالت إنها هوجمت في الفندق أثناء قضائها عطلة في المنتجع القبرصي.

    واعتقلت الشرطة 12 مراهقا واحتجزتهم احتياطيا على ذمة القضية.

    ونفى المراهقون، الذين تتراوح أعمارهم بين 15 و 18 عاما، ادعاء الفتاة بأنهم اغتصبوها.

    وقد أطلق سراح خمسة منهم أول الأمر، ثم أفرج عن السبعة الباقين بعد ذلك وأعيدوا إلى بلادهم.

    وقضت الفتاة البريطانية شهرا في السجن قبل أن توافق المحكمة على الإفراج عنها بكفالة في نهاية أغسطس/آب، ولكن لم يسمح لها بمغادرة جزيرة قبرص.

    وقد بدأت المحاكمة في شهر أكتوبر/تشرين الأول، ولكن النطق بالحكم أرجئ إلى اليوم الاثنين.

    ماذا قال القاضي؟

    أرجأ القاضي في محكمة منطقة فاماغوستا النطق بالعقوبة إلى 7 يناير/كانون الثاني. وقد تواجه الفتاة السجن لمدة عام، ودفع غرامة قد تصل إلى ما يعادل 1500 جنيه استرليني، بالرغم من أن المحامين طلبوا حكما مع وقف التنفيذ.

    وقال القاضي عند النطق بالحكم: "قدمت المتهمة للشرطة ادعاء كاذبا بالاغتصاب، وهي تعلم تماما أن هذا كذب".

    وأضاف: "لم تكن المتهمة خلال الإدلاء بشهادتها مقنعة، لأنها لم تقل الحقيقة، وحاولت تضليل المحكمة".

    ونفى القاضي وجود "اغتصاب، أو عنف"، وقال إن الشرطة أجرت تحقيقا شاملا، و"قبضت على المطلوب القبض عليهم".

    وقال القاضي إن قراره اعتمد على دليل من الفيديو، الذي يظهر الفتاة وهي تمارس الجنس بالتراضي.

    Monday, December 30, 2019

    नागरिकता क़ानून पर देशभर में हो रहे प्रदर्शन

    देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

    बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

    बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

    इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

    एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

    देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.

    अब इन चार दो अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

    पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

    इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

    एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

    पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

    बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

    बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

    इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

    एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

    अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह