Monday, November 25, 2019

新疆再教育营:文件披露维吾尔人如何被“洗脑”

最近披露的一批文件显示,中国当局如何在新疆设立再教育营系统,对上百万维吾尔人进行“洗脑”。

中国政府一直称,这些机构提供职业教育和训练。但BBC《广角镜》节目看到的官方文件披露了这些营地的囚犯如何被关押、灌输思想和惩罚。

中国驻英国大使将这些文件斥为假消息。

国际调查记者同盟(International Consortium of Investigative Journalists)披露了这些文件,该机构与包括英国BBC《广角镜》节目及《卫报》等17家媒体合作。

近三年来,中国政府在新疆设立拘押营,称是为打击极端主义及对当地人进行再教育,但调查发现的新证据驳斥了北京的说法。

据悉大约有100万人未经审判就被拘押,其中大多数都是维吾尔族穆斯林。

国际调查记者同盟将泄露的中国政府文件称为“中国电文”(China Cables),其中包括一份2017年时任新疆维吾尔自治区党委副书记朱海仑向再教育营管理人员发布的九页文件,当时朱海仑是当地最高级别安全官员。

文件披露被拘押人士是如何被监控的:“对学员实行就寝床位固定、队列位置固定、教室座位固定、技能操作岗位固定,严禁擅自调换。”

“强化学员一日生活行为规范,落实起床、点名、洗漱、如厕、整理内务、就餐、学习、就寝、封门等行为规范和纪律要求。”

其他文件也验证了拘留营规模之大。其中一份披露,2017年中仅一周就有1.5万人被送往再教育营。

“人权观察”中国部主任索菲・理查森(Sophie Richardson)称检方应使用泄露的文件。

“这是一份可用于起诉的证据,记录了严重侵犯人权的行为,”她说,“我认为可以将每个被拘留者描述为至少遭受了心理折磨,因为他们真的不知道会在那里呆多久。”

文件还显示,当被拘押人的行为、信仰和语言已经转化时,他们才可以被释放。

“促进学员悔过自新和检举揭发,深刻认识以往行为的违法性、犯罪性、危险性。”文件称,“对认识模糊、态度消极甚至有抵触情绪的,实行教管干部‘多包一’等方式,开展教育转化攻坚,确保达到效果。”

Thursday, November 21, 2019

बीपीसीएल समेत पांच कंपनियों में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

एनडीए सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) समेत पांच सरकारी कंपनियों के विनिवेश को मंज़ूरी दे दी है.

बुधवार रात को एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के इन बड़े फैसलों की जानकारी दी है.

वित्त मंत्री ने बताया कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के साथ कंटेनर कॉरपोरेशन (कॉनकॉर), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीएल), नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (नीपको) और शिपिंग कॉरपरेशन (एससीआई) के विनिवेश को भी मंज़ूरी मिलीहै.

1. केंद्र सरकार दो बड़ी कंपनियां, बीपीसीएल की 53.4 % और शिपिंग कॉरपरेशन की 63.5% हिस्सेदारी को बेचेगी. बीपीसीएल में केंद्र की हिस्सेदारी 53.29 फीसदी है.

2. विनिवेश प्रक्रिया में नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की 61 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है. मंत्रिमंडल ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी की हिस्सेदारी को छोड़कर बीपीसीएल में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंज़ूरी दी है.

3. कैबिनेट से शेयर हिस्सेदारी को 51 फीसदी से नीचे लाने को मंज़ूरी मिली है. यानि बीपीसीएल के अलावा चार अन्य सरकारी कंपनियों में भी सरकार द्वारा अपने निवेश बेचने के बाद सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से नीचे रह जाएगी.

4. बीपीसीएल के अलावा शिपिंग कॉरपरेशन यानि भारतीय जहाजरानी निगम के रणनीतिक विनिवेश को भी मंज़ूरी दी गई है. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार की 63.75 प्रतिशत की बिक्री और कंटेनर कॉरपोरेशन में 30.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश की भी मंज़ूरी मिली.

5. मंत्रिमंडल ने कॉनकॉर, टीएचडीसीआईएल में भी प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंज़ूरी दी है. सरकार के पास फिलहाल कॉनकोर में 54.80 फीसदी हिस्सेदारी है.

6. नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) टीएचडीसीआईएल में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी. इसके अलावा यह कंपनी नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नीपको) में भी सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी.

7. मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण को जारी रखते हुए इंडियन ऑयल जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से कम करने को मंजूरी दी है.

सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में विनिवेश की मदद से 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. अब तक करीब 17365 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) के प्रस्तावित विनिवेश की खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के एक सदस्य ने लोकसभा में बुधवार को इस तरह के फैसले को देशहित के लिए नुकसानदेह बताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की.

कांग्रेस के हीबी इडन ने नियम 377 के तहत इस विषय को उठाते हुए कहा कि खबरों के अनुसार बीपीसीएल के विनिवेश का सैद्धांतिक फैसला लिया गया है जो देशहित के लिए नुकसान वाला है.